Editor in Chief: Rajesh Patel (Aapka news Star)
नर्मदापुरम, Mar 23,2025
प्रदूषित हो रही नर्मदा, 129 करोड़ की योजना अधूरी, धीमी गति से चल रहा सफाई प्रोजेक्ट
Narmada river pollution: नर्मदा नदी को प्रदूषण मुक्त करने की 129 करोड़ की योजना अधूरी है। निर्माण कार्य की धीमी गति से सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट लंबित है, जिससे नदी में गंदगी और बैक्टीरिया बढ़ रहे हैं।
Narmada river pollution: नर्मदा नदी में गंदगी मिलने से उसे प्रदूषण मुक्त करने की बहुप्रतीक्षित योजना अधूरी पड़ी हुई है। नगर पालिका और मध्य प्रदेश अर्बन डेवलपमेंट कंपनी द्वारा वर्ष 2016-17 में 129 करोड़ रुपये की योजना बनाई गई थी, लेकिन निर्माण कार्य की धीमी गति के चलते अब तक लक्ष्य पूरा नहीं हो सका है।
शुरुआती चरण में प्रास कंपनी को ठेका दिया गया था, लेकिन उसने काम अधूरा छोड़ दिया। इसके बाद जून 2023 में दूसरी कंपनी को यह प्रोजेक्ट सौंपा गया। अब तक 95 किलोमीटर भूमिगत पाइपलाइन बिछाई जा चुकी है, लेकिन 1 सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी), 1 मेन पंपिंग स्टेशन और 4 पंप हाउस का निर्माण अब तक अधूरा है। दिसंबर 2025 तक इस योजना को पूरा करने का एक्सटेंशन दिया गया है, लेकिन कार्य की धीमी गति के कारण नर्मदा को प्रदूषण मुक्त करने के प्रयासों का असर फिलहाल नजर नहीं आ रहा है।
नगर पालिका अध्यक्ष नीतू यादव के अनुसार, फिल्टर प्लांट का निर्माण पूरा होते ही शहर के नालों को बंद कर दिया जाएगा। इसे जुलाई 2025 तक पूरा करने के प्रयास किए जा रहे हैं। संबंधित एजेंसी को जल्द कार्य पूर्ण करने के निर्देश भी दिए गए हैं।
नर्मदा नदी में मिल रहे सीवरेज के कारण जल में प्रदूषण कारक सूक्ष्म जीवाणुओं (बैक्टीरिया) की संख्या बढ़ती जा रही है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा जनवरी 2025 में सेठानी घाट और राजघाट से जल के नमूने लिए गए, जिनकी जांच में पानी की गुणवत्ता बी ग्रेड पाई गई। विशेषज्ञों के अनुसार, नर्मदा जल अब केवल फिल्टर करने के बाद ही उपयोग किया जा सकता है।