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Chhattarpur News : सेहत से खिलवाड़: वेस्टेज खाद्य तेल में खुशबू के लिए एसेंस और रंग के मिला रहे यलो बटर

 छतरपुर, Oct 13, 2024 


Chhattarpur News: सेहत से खिलवाड़: वेस्टेज खाद्य तेल में खुशबू के लिए एसेंस और रंग के मिला रहे यलो बटर 

Chhattarpur News: छतरपुर शहर में लंबे समय से लोगों को शुद्ध सरसों के तेल की जगह मिलावटी और नकली तेल बेचा जा रहा है। कानपुर व महाराष्ट्र से वेस्टेज खाद्य तेल बड़े-बड़े टैंकरों में भरकर हर दूसरे दिन लाया जा रहा है पैकेजिंग ब्रांडेड कंपनियों के नाम से करवाकर बाजार में उतार दिया जाता है। इस तेल के सेवन से लोगों को हार्ट, लिवर से संबंधित बीमारियों हो रही है। सरानी दरवाजा के बाहर आधा दर्जन से ज्यादा कारोवारी मुनाफाखोरी के चक्कर में लोगों की सेहत से खिलवाड़ कर रहे हैं।

मिलावटी सरसों के तेल का कारोबार तेजी से बढ़ रहा है। मिलावटखोर हजारों लीटर मिलावटी तेल बाजार में बेच रहे हैं। बाहर से टैंकरों में आने वाले घटिया और सस्ते तेल में मस्टर्ड की सुगन्ध वाला एसेंस डाला जाता है। रंग निखारने के लिए उसमें हानिकारक व सस्ता यलो बाटर मिलाया जाता है। इसके बाद मिलावटी सरसों के तेल को सस्ते दाम में दुकानदारों तक पहुंचा दिया जाता है। 15 लीटर के सरसों के डिब्बे पर 500 से 800 रुपए तक का मुनाफा होने की वजह से दुकानदार भी इसकी बिक्री करने में दिलचस्पी दिखा रहे हैं। जबकि असली तेल की बिक्री में उन्हें 200 से 250 रुपए ही बचते हैं।

मिलावटी सरसों के तेल का कारोबार तेजी से बढ़ रहा है। मिलावटखोर हजारों लीटर मिलावटी तेल बाजार में बेच रहे हैं। बाहर से टैंकरों में आने वाले घटिया और सस्ते तेल में मस्टर्ड की सुगन्ध वाला एसेंस डाला जाता है। रंग निखारने के लिए उसमें हानिकारक व सस्ता यलो बाटर मिलाया जाता है। इसके बाद मिलावटी सरसों के तेल को सस्ते दाम में दुकानदारों तक पहुंचा दिया जाता है। 15 लीटर के सरसों के डिब्बे पर 500 से 800 रुपए तक का मुनाफा होने की वजह से दुकानदार भी इसकी बिक्री करने में दिलचस्पी दिखा रहे हैं। जबकि असली तेल की बिक्री में उन्हें 200 से 250 रुपए ही बचते हैं।

वर्र्तमान में सरसों के दाम बाजार 8000 से 8500 रुपए प्रति क्विटल है। मिल में पेराई के बाद सरसों तेल का लागत मूल्य प्रतिलीटर 130 से 140 रुपए आता है, जबकि बाजार में खाद्य तेल की नामी-गिरामी कंपनियों का रैपर लगा बोतल बंद तेल शहर में 150 से 160 रुपए लीटर उपलब्ध है। जिला प्रशासन की नाक के नीचे शहर में आधा दर्जन से अधिक रोल कारोबारी 40-50 रुपए में मिलने वाले पॉम आयल व वेस्ट खाद्य तेल को बोतल में बंद कर शुद्ध कच्ची घानी सरसों तेल के नाम से बेचकर हर दिन लाखों रुपए कमा रहे हैं।

मिलावटी सरसों के तेल के सेवन से सबसे ज्यादा नुकसान हार्ट को होता है। इसके बाद लिवर और अन्य अंगों पर इसका प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। फूड पॉइजनिंग आंतों का इनफेक्शन, पेट संबंधी गंभीर बीमारी हो सकती है। साथ ही यह सभी अंगों पर प्रभाव डालता है। लम्बे समय तक इसका प्रयोग करने से लिवर खराब होने का खतरा भी बढ़ जाता है। बच्चें का विकास रुक जाता है।
डॉ. सुदीप जैन, मेडिकल विशेषज्ञ

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