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दशहरा पर्व: एक सांस्कृतिक और धार्मिक महत्त्व...

  Editor in Chief: Rajesh Patel (Aapka News Star)

पौराणिक कथा, Oct 12, 2024


दशहरा पर्व: एक सांस्कृतिक और धार्मिक महत्त्व...

दशहरा, जिसे विजयदशमी के नाम से भी जाना जाता है, भारत का एक प्रमुख हिंदू त्यौहार है।यह पर्व अच्छाई की बुराई पर जीत का प्रतीक है और इसे विशेष रूप से भगवान राम द्वारा रावण के वध की स्मृति में मनाया जाता है।दशहरा, अश्विन मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को आता है, जो नवरात्रि के नौ दिनों के उपवास और दुर्गा पूजा के समापन के बाद आता है।

धार्मिक और सांस्कृतिक महत्त्व: 

दशहरा का धार्मिक महत्त्व रामायण की कहानी से जुड़ा है, जिसमें भगवान राम ने लंका के राजा रावण का वध किया था। रावण, जिसने माता सीता का हरण किया था, दस सिर वाला शक्तिशाली असुर था, और उसे पराजित करना अच्छाई की बुराई पर जीत का प्रतीक बन गया। इस दिन को धर्म, सत्य और नैतिकता की जीत के रूप में मनाया जाता है।

दशहरे का एक अन्य प्रमुख पहलू महिषासुर मर्दिनी देवी दुर्गा की पूजा से जुड़ा है। ऐसा माना जाता है कि देवी दुर्गा ने महिषासुर नामक राक्षस का वध दशमी के दिन किया था। इसलिए, इस दिन को शक्ति और नारीत्व के प्रतीक के रूप में भी देखा जाता है।

प्रमुख परंपराएँ:

1. रावण दहन: दशहरे के दिन रावण, मेघनाद और कुंभकर्ण के पुतलों का दहन किया जाता है। यह प्रतीकात्मक रूप से बुराई के नाश और सत्य की जीत को दर्शाता है।

2. रामलीला: कई स्थानों पर रामायण के विभिन्न प्रसंगों पर आधारित नाट्य प्रस्तुतियां की जाती हैं। इसे 'रामलीला' कहा जाता है, जो दशहरे के दिन भगवान राम द्वारा रावण पर विजय प्राप्त करने की घटना पर समाप्त होती है।

3. शस्त्र पूजा: प्राचीन काल से ही दशहरे के दिन शस्त्रों की पूजा की परंपरा रही है। योद्धाओं और राजाओं के लिए यह दिन शस्त्रों का सम्मान और उनके बलिदान को याद करने का अवसर होता था। आज भी कई स्थानों पर इस परंपरा को निभाया जाता है, विशेषकर क्षत्रिय समाज में।

4. विजय यात्रा: दशहरे के दिन समाज में बुराई को समाप्त करने और शांति और समृद्धि की कामना के साथ विजय यात्राएं निकाली जाती हैं। इसमें लोग विशेष परिधान पहनते हैं और उत्साहपूर्वक भाग लेते हैं।

आधुनिक संदर्भ:

आज के समय में दशहरा पर्व सामाजिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण है। इस दिन लोग एक-दूसरे को शुभकामनाएं देते हैं और समाज में शांति और एकता के प्रतीक के रूप में इस पर्व को मनाते हैं। कई जगहों पर दशहरे के अवसर पर बड़े मेलों का आयोजन किया जाता है, जहाँ लोग विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आनंद लेते हैं।

संक्षेप में...

सत्य की होती सदा जीत,

बुराई का होता नाश,

विजयदशमी का पर्व लाता है

खुशियों की बौछार,

धर्म की राह पर चलें और करें सच्चे कर्म का सम्मान,

आपको और आपके परिवार को विजयादशमी की हार्दिक शुभकामनाएं!

यह दिन आपके जीवन में सफलता, समृद्धि और खुशियों का संदेश लेकर आए।

दशहरा का पर्व केवल धार्मिक महत्त्व ही नहीं रखता, बल्कि यह हमें यह सिखाता है कि अंततः सत्य की जीत होती है। यह पर्व हमें यह संदेश देता है कि हमें अपने जीवन में नैतिकता, सत्य और धर्म का पालन करना चाहिए और बुराई से दूर रहना चाहिए।

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