Editor in Chief: Rajesh Patel (Aapka News Star)
छतरपुर, Sep 30, 2024
सीएम राइज स्कूल: विद्यार्थियों को गांव से स्कूल पहुंचाने के लिए सरकारी बसों का नहीं हो सका प्रबंध
जिलेभर में 8 मॉडल स्कूल प्रस्तावित हैं, जिसमें छतरपुर, नौगांव, बड़ामलहरा, बकस्वाहा और राजनगर स्कूलों का संचालन सीएम राइज की गाइडलाइन अनुसार किया जा रहा है।
छतरपुर. जिलेभर में 8 मॉडल स्कूल प्रस्तावित हैं, जिसमें छतरपुर, नौगांव, बड़ामलहरा, बकस्वाहा और राजनगर स्कूलों का संचालन सीएम राइज की गाइडलाइन अनुसार किया जा रहा है। वहीं बिजावर, लक्कुशनगर और गौरिहार में भवन बनने में लेटलतीफी होने से संचालन अभी मॉडल स्कूल के रूप में किया जा रहा है।
स्कूल में बस सुविध भी नहीं है। इसके लिए संयुक्त संचालक शिक्षा कार्यालय से बसों का अनुबंधित करने का प्रस्ताव राज्य सरकार को भेजा है। लेकिन आधा सितंबर बीतने के बाद किसी भी जिले के लिए बसों के अनुबंध को स्वीकृति नहीं दी गई है। इस हाल में छतरपुर जिले में संचालित 5 सीएम राइज स्कूलों के कई बच्चों को साइकिल, ई-रिक्शा या यात्री बस में किराया देकर स्कूल के लिए आना-जाना करना पड़ता है। बच्चों के परिजन ने बताया सीएम राइज स्कूल में तमाम सुविधाएं उपलब्ध होने की जानकारी पर अपने बच्चों के प्रवेश सीएम राइज स्कूल में करा दिया। लेकिन इस वर्ष स्कूल में शिक्षण काम में कोई सुधार नहीं दिख रहा है। बच्चों को स्कूल भेजने के लिए बसें उपलब्ध न होने से वह प्राइवेट वाहनों से किराया देकर बच्चों को स्कूल भेज रहे हैं।
सीएम राइज स्कूल का शैक्षणिक सत्र शुरू हुए दो महीने बीत चुके हैं। इसके बाद भी स्कूल के विद्यार्थियों को उनके गांव से स्कूल लाने के लिए सरकारी बसों का प्रबंध नहीं हो सका है। बसों के टेंडर मंजूर किए जाने थे लेकिन भोपाल में इसकी प्रक्रिया लंबित है। इस हाल में बच्चों को 12 से 15 किमी दूरी से निजी बसों में किराया देकर स्कूल आना पड़ रहा है। शिक्षा विभाग को बसों का प्रबंध छात्रों को स्कूल लाने व स्कूल से घर छोडऩे के लिए करना है।
वहीं पुराने भवन में कक्षाएं संचालित होने और स्टाफ की कमी के चलते सीएम राइज स्कूल में अध्ययनरत विद्यार्थियों के शिक्षा के स्तर में सुधार नहीं हो पा रहा है। नई बिल्डिंग का कार्य पूरा न होने से छात्रों के लिए शिक्षण कार्य के साथ-साथ अन्य गतिविधियों का आयोजन नहीं किया जा रहा है। स्कूल में छात्रों की संख्या के हिसाब से सोशल साइंस विषय में 1, आर्ट एंड क्राफ्ट में 1, इंग्लिश विषय के 2, फिजिक्स में 1, केमिस्ट्री में 1, हिंदी में 1 शिक्षक की जगह अब भी खाली है। जिससे बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है।